लोकपाल मसौदे को लेकर सरकार की ओर से नियुक्त वार्ताकार व देश के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि सरकार द्वारा पेश लोकपाल विधेयक अब वापस नहीं लिया जाएगा.
सरकार ने शुक्रवार को अपने लोकपाल विधेयक के स्थान पर किसी अन्य विधेयक को पेश करने से इनकार करते हुए कहा कि पहले पेश किए जा चुके विधेयक में संशोधन करना बेहतर होगा.
वित्त मंत्री ने एक निजी टीवी चैनल पर कहा, '' हम इसके स्थान पर कोई नया विधेयक पेश करने पर विचार नहीं कर रहे हैं क्योंकि इसमें समय लगेगा. संशोधन करना बेहतर विकल्प होगा. संशोधनों को स्थायी समिति से सिफारिश मिलने के बाद संसद के पास इन्हें खारिज करने का मौका होगा."
उन्होंने कहा कि वह हजारे के स्वास्थ्य के बारे में वाकई चिंतित हैं तथा उन्होंने हजारे से अपना अनशन तोड़ने की अपील की.
मुखर्जी ने यह सुझाव खारिज कर दिया कि सरकार इस मुद्दे पर अलग-थलग पड़ गई है और कहा कि कई बार सरकार के कुछ कदम जनता को पसंद नहीं आ सकते हैं.
उन्होंने कहा, ''इसमें नया कुछ भी नहीं लेकिन मौजूदा आंदोलन ठीक नहीं है."
यह पूछे जाने पर कि क्या संशोधन सरकार के विधेयक में काफी बदलाव कर सकते हैं. इस पर उन्होंने कहा कि स्थायी समिति के पास विचाराधीन विधेयक में 'जन लोकपाल विधेयक" के कई प्रावधान पहले से मौजूद हैं.
ज्ञात हो कि इसके पहले टीम अन्ना ने जनलोकपाल, दूसरा अरुणा रॉय और तीसरा जयप्रकाश नारायण ने लोकपाल पेश किया था.
सरकार की ओर से इन तीनों पर बयान आया था कि इन तीनों मसौदों के महत्वपूर्ण पहलुओं को हम लेंगे.
लेकिन अब प्रणव मुखर्जी ने इन तीनों प्रस्तावों को सिरे से खारिज करते हुए सरकार द्वारा पेश लोकपाल मसौदे में कुछ बदलाव करके इसे ही मानने की बात कह रहे हैं.
गतिरोध कायम, कल संसद में हो सकती है चर्चा
वित्त मंत्री ने एक निजी टीवी चैनल पर कहा, '' हम इसके स्थान पर कोई नया विधेयक पेश करने पर विचार नहीं कर रहे हैं क्योंकि इसमें समय लगेगा. संशोधन करना बेहतर विकल्प होगा. संशोधनों को स्थायी समिति से सिफारिश मिलने के बाद संसद के पास इन्हें खारिज करने का मौका होगा."
उन्होंने कहा कि वह हजारे के स्वास्थ्य के बारे में वाकई चिंतित हैं तथा उन्होंने हजारे से अपना अनशन तोड़ने की अपील की.
मुखर्जी ने यह सुझाव खारिज कर दिया कि सरकार इस मुद्दे पर अलग-थलग पड़ गई है और कहा कि कई बार सरकार के कुछ कदम जनता को पसंद नहीं आ सकते हैं.
उन्होंने कहा, ''इसमें नया कुछ भी नहीं लेकिन मौजूदा आंदोलन ठीक नहीं है."
यह पूछे जाने पर कि क्या संशोधन सरकार के विधेयक में काफी बदलाव कर सकते हैं. इस पर उन्होंने कहा कि स्थायी समिति के पास विचाराधीन विधेयक में 'जन लोकपाल विधेयक" के कई प्रावधान पहले से मौजूद हैं.
ज्ञात हो कि इसके पहले टीम अन्ना ने जनलोकपाल, दूसरा अरुणा रॉय और तीसरा जयप्रकाश नारायण ने लोकपाल पेश किया था.
सरकार की ओर से इन तीनों पर बयान आया था कि इन तीनों मसौदों के महत्वपूर्ण पहलुओं को हम लेंगे.
लेकिन अब प्रणव मुखर्जी ने इन तीनों प्रस्तावों को सिरे से खारिज करते हुए सरकार द्वारा पेश लोकपाल मसौदे में कुछ बदलाव करके इसे ही मानने की बात कह रहे हैं.
गतिरोध कायम, कल संसद में हो सकती है चर्चा
गांधीवादी अन्ना हजारे का अनशन आज 11वें दिन भी नहीं टूट सका और हजारे के साथी कार्यकर्ता उनकी सेहत को लेकर चिंतित हैं.
उधर जन लोकपाल विधेयक पर चर्चा के तरीके को लेकर प्रमुख राजनीतिक दलों में सहमति नहीं होने के चलते आज चर्चा नहीं हो सकी.
लोकसभा में कांग्रेस और भाजपा के बीच चर्चा की प्रक्रिया पर तकरार हुई और कल चर्चा होने की संभावना है.
अनशन के 11वें दिन शांत दिखे अन्ना
अन्ना हजारे ने अपने अनशन के 11वें दिन शुक्रवार को समर्थकों का उत्साह बढ़ाने के लिए जोरदार आवाज में 'भारत माता की जय" के नारे तो लगाये लेकिन उन्होंने हर रोज की तरह रामलीला मैदान में उपस्थित जनता को संबोधित नहीं किया.
अन्ना पक्ष आैर सरकार के बीच गतिरोध आज भी कायम रहा. इस बीच अन्ना दोपहर में 12.15 बजे मंच पर आये और तीन बार 'भारत माता की जय" के नारे लगाये लेकिन बाद में मंच के पीछे चले गये, जिससे ऐसा लगा कि उनकी सेहत नासाज है.
उधर जन लोकपाल विधेयक पर चर्चा के तरीके को लेकर प्रमुख राजनीतिक दलों में सहमति नहीं होने के चलते आज चर्चा नहीं हो सकी.
लोकसभा में कांग्रेस और भाजपा के बीच चर्चा की प्रक्रिया पर तकरार हुई और कल चर्चा होने की संभावना है.
अनशन के 11वें दिन शांत दिखे अन्ना
अन्ना हजारे ने अपने अनशन के 11वें दिन शुक्रवार को समर्थकों का उत्साह बढ़ाने के लिए जोरदार आवाज में 'भारत माता की जय" के नारे तो लगाये लेकिन उन्होंने हर रोज की तरह रामलीला मैदान में उपस्थित जनता को संबोधित नहीं किया.
अन्ना पक्ष आैर सरकार के बीच गतिरोध आज भी कायम रहा. इस बीच अन्ना दोपहर में 12.15 बजे मंच पर आये और तीन बार 'भारत माता की जय" के नारे लगाये लेकिन बाद में मंच के पीछे चले गये, जिससे ऐसा लगा कि उनकी सेहत नासाज है.
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