अन्ना ने अनशन तोड़ने के लिए सरकार के सामने जनलोकपाल से जुड़ी तीन शर्तें रखी हैं. ये हैं...
टीम अन्ना जिन बिंदुओं पर पिछले तीन दिनों से यूपीए सरकार से बात कर रही है, वही बातें आज फिर अन्ना हजारे ने दोहराई और इस पर कोई समझौता नहीं करने का संकेत दिया.
अन्ना ने स्पष्ट किया कि इन तीन शर्तों को माने बिना वह अनशन ख़त्म नहीं करेंगे.
गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने जनलोकपाल बिल में जिन तीन बिंदुओं को शामिल करने की मांग की है वो नीचे दिए गए हैं.
- गांव से लेकर मंत्रालय तक के सारे सरकारी अधिकारियों को लोकपाल के दायरे में रखा जाए. अन्ना का कहना है कि सबसे ज़्यादा भ्रष्टाचार निचले स्तर पर है, ऐसे में निचले स्तर के नौकरशाही को लोकपाल के दायरे से बाहर नहीं रखा जा सकता.
- हर राज्य में लोकायुक्त का गठन किया जाए. टीम अन्ना के मुताबिक अगर हर राज्य में लोकपाल नहीं बनेगा तो सिर्फ़ केंद्रीय कर्मचारी ही लोकपाल के दायरे में रहेंगे. लेकिन इससे मकसद हासिल नहीं होगा. इसलिए हर राज्य में लोकपाल का गठन जरूरी है.
- हर सरकारी विभाग में सिटिजन चार्टर लगे. अन्ना हजारे ने कहा कि हर विभाग में सरकारी कर्मचारियों की भूमिका और आम लोगों के अधिकारों का जिक्र होना चाहिए. अगर आम जनता शिकायत करती है तो सीधे लोकपाल उस कर्मचारी की जांच करे.
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