Tuesday 22 November 2011

प्यार सबसे सरल इबादत है बहते पानी जैसी ........

प्यार सबसे सरल

इबादत है

बहते पानी जैसी ....

ना इसको किसी शब्द की जरुरत

ना किसी जुबान की मोहताजी

ना किसी वक़्त की पाबंदी

और ना ही कोई मज़बूरी

किसी को सिर झुकाने की

प्यार से ज़िन्दगी जीते जीते

यह इबादत अपने आप

हर वक़्त होती रहती है

और --जहाँ पहुँचना है

वहां पहुँचती रहती है ....




इमरोज़ ....

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