KANPURWORKINGMINDS
Tuesday, 22 November 2011
ख़त......
लिखे थे तुमने ,
दो ही ख़त मुझको
एक था ,
जिसमे प्यार भरा था
और दूसरे में ,
शिकवा गिला था
...
आज तक बस ,
इसी सोच में हैं दिल
कौन सा ख़त भला ,
और..
कौन सा बुरा था !!
- रंजू
भाटिया
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