Wednesday, 30 November 2011

'राष्ट्रीय पक्षी-- मोर... राष्ट्रीय संस्कृति-- पश्चिम की ओर.. राष्ट्रीय 

दर्शन-- तोड़-फोड़, शोर... राष्ट्रीय चिंतन-- कुर्सी के लिए जोर.... राष्ट्रीय 

व्यवस्था-- छिन्न-भिन्न, कमजोर.. राष्ट्रीय प्रगति-- महंगाई की ओर.

.. राष्ट्रीय खेल-- जनसंख्या में होड़ इसलिए हम हो गए 125 करोड़

.. राष्ट्रीय बजट-- घाटा बेहिसाब...... राष्ट्रीय अतिथि-- अजमल कसाब..

 राष्ट्रीय भांड - दिग्गी राजा महान.. जय हिंद...जय भारत... वन्दे


-मातरम.. देश के राजनेता बेईमान फिर भी मेरा देश महान .. ??

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