आज लगभग हर समाचार वेबसाइट पर नग्नता और सेक्स सम्बन्धी सामग्री की भरमार है. दैनिक भास्कर की वेबसाइट, नवभारत टाइम्स की वेबसाइट, टाइम्स ऑफ इण्डिया की वेबसाइट और मिड डे की वेबसाइट ने तो सारी हदें तोड़ डाली हैं. हर पेज पर सेक्स न्यूज और मॉडलों के नग्न चित्र और वीडियो फ्लैश होते रहते हैं. क्या इनकी समाज और देश के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं हैं. क्या इससे बच्चों में विकृतियाँ पैदा नही हो रही हैं?
ऐसा लगता है कि ये समाचार वेबसाइट नहीं बल्कि पॉर्न वेबसाइटें हैं. हम अपने घरों / दफ्तरों में पॉर्न वेबसाईट पर तो रोक लगा सकते हैं पर क्या अब हमें इन तथाकथित समाचार-पॉर्न वेबसाइटों पर भी रोक लगानी होगी? कौन रोकेगा इस सबको? किस सरकारी एजेंसी को लिखित शिकायत दर्ज की जाए? आशा करता हूँ शायद आप इस बात को किसी बड़े मंच पर अवश्य उठाएँगे. आपसे अनुरोध है आप इसको रोकने हेतु कदम उठाएं और कोई अभियान चलायें जिससे इस सब को रोका जा सके और परिवार, समाज और देश में नैतिक मूल्य बचे रहें.
मुंबई से प्रवीण कुमार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
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