Saturday, 26 November 2011

किस कदर मुझको सताते हो तुम 

भूल जाने पर भी याद आते हो तुम 

रात के सन्नाटे में जब भी 

खुदा से माँगा है मैंने 

मेरे दिल की दुआ बन जाते हो तुम ! 

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