Sunday 28 August 2011

कृष्णावतार....




कृष्ण ! 
कहा था तुमने 
जब जब होगी 
धर्म की  हानि 
तुम आओगे 
धरती पर ,
आज मानव 
कर रहा है 
तुम्हारा इंतज़ार 
हे माखनचोर 
कब लोगे 
तुम अवतार ?

तुम्हारा 
कोई रूप नहीं 
जाति नहीं 
देह नहीं 
सबके मन में 
तुम्हारा वास 
कब लोगे 
तुम अवतार ?






धरा पाप से 
मलिन हुई 
पीड़ा जनता की 
असीम हुई 
अन्याय का 
नहीं  कोई पारावार 
कब लोगे 
तुम अवतार ?

लीला तुम्हारी 
अपरम्पार 
भेजा एक कृष्ण 
हमारे द्वार 
करने दूर 
अत्याचार 
खत्म करने 
भ्रष्टाचार 
सब भक्तिभाव से 
स्वीकार रहे 
मन में आशा 
जगा रहे 
उसमें तुमको 
देख रहे 
जन्मदिन तुम्हारा 
मना रहे 
उमड़ पड़ा 
जनसमूह अपार 
ज्यों ही 
कृष्ण ने 
भरी हुंकार 
क्या यही है 
तुम्हारा नया  अवतार ? 




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