Saturday 20 August 2011

क्या कहता है जन लोकपाल कानून?




अन्ना हज़ारे साहब ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त कानून जन लोकपाल बिल पारित कराने के लिए देशभर में एक देशव्यापी आन्दोलन छेड़ा। ये जन लोकपाल कानून आखिर है क्या? आईए इसके बारें में हम थोड़ा और जानें?

लोकपाल और लोकायुक्त का गठन
केन्द्र के अन्दर एक स्वतन्त्र संस्था का गठन किया जाएगा, जिसका नाम होगा जन लोकपाल। हर राज्य के अन्दर एक स्वतन्त्र संस्था का गठन किया जाएगा, जिसका नाम होगा जन लोकायुक्त। ये संस्थाएं सरकार से बिल्कुल पूरी तरह से स्वतन्त्र होगी। आज जितनी भी भ्रष्टाचार निरोधक संस्थाएं हैं जैसे सीबीआई, सीवीसी, डिपार्टमेण्ट विजिलेंस, स्टेट विजिलेंस डिपार्टमेण्ट, एण्टी करप्शन ब्रांच यह सारी की सारी संस्थाएं पूरी तरह सरकारी शिकंजे के अन्दर हैं। यानि कि उन्हीं लोगों के अन्दर हैं जिन लोगों ने भ्रष्टाचार किया है। यानि की चोर जो है वो ही पुलिस का मालिक बन बैठा है। हमने यह लिखा है कि इस कानून के तहत जन लोकपाल और जन लोकायुक्त यह पूरी तरह से सरकारी शिकंजे से बाहर होगी।

जन लोकपाल का स्वरूप
जन लोकपाल में दस सदस्य होंगे। एक चैयरमेन होगा उसी तरह से हर राज्य के जन लोकायुक्त में दस सदस्य होंगे एक चैयरमेन होगा।

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