Tuesday 23 August 2011

प्रधानमंत्री पद को लोकपाल के दायरे में लाने पर आपत्ति नहीं:सरकार



लोकपाल बिल को लेकर अन्ना पक्ष और सरकार के बीच मंगलवार को हुई बैठक के पश्चात् अभी भी तीन मुद्दो पर मतभेद बरकरार है.
लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी को वार्ताकार नियुक्त  किया गया.

प्रणब के साथ लगभग तीन घंटे तक संसद के नॉर्थ ब्लाक में चली बातचीत के बाद अन्ना हजारे पक्ष ने मंगलवार रात दावा किया कि सरकार को प्रधानमंत्री पद को लोकपाल के दायरे में लाने पर कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन जन लोकपाल विधेयक के तीन मुद्दों पर सरकार ने हजारे पक्ष से सुबह तक का समय मांगा है.

वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद से बातचीत करने के बाद यहां रामलीला मैदान लौटकर हजारे टीम के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सरकार ने जन लोकपाल विधेयक के तीन मुद्दों पर अभी कोई जवाब नहीं दिया है और सुबह तक का समय मांगा है.

इन तीन मुद्दों में, शीर्ष स्तर से लेकर निचले स्तर तक के सभी सरकारी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाना, केंद्र सरकार में एक लोकपाल के साथ सारे राज्यों में लोकायुक्तों का गठन करना और हर विभाग में सिटीजन चार्टर बनाना शामिल है जिसपर सरकार अभी तैयार नहीं हुई है और उसने सुबह दस बजे तक का समय मांगा है. 
टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री का प्रस्ताव नामंजूर नामंजूर कर दिया.

केजरीवाल ने कहा कि सरकारी लोकपाल बिल में सिर्फ सीनियर आफीसर के भ्रष्टाचार की बात की गयी है. हमने सरकार से कहा है कि इसमें जूनियर आफीसर को भी डालिए. इसपर भी सरकार की ओर से सहमति मिल गयी है.

केजरीवाल ने कहा कि हमने सरकार से कहा है कि सारे राज्यों में लोकायुक्त आना चाहिए जो राज्य कर्मचारियों के लिए हितकर होगा.

उन्होंने कहा कि हर दफ्तर में एक चार्ट बनाया जाय. कौन अधिकारी जनता की समस्या सुन रहा है और कौन नहीं. जो समस्या नहीं सुन रहा है उसके लिए दंड का प्राविधान होना चाहिए.

केजरीवाल ने सरकार से जनलोकपाल बिल को संसद में पारित कराए जाने की भी मांग रखी है.

टीम अन्ना की ओर से किरण बेदी ने रामलीला मैदान में विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि पहले एक गांव कभी-कभी दो थाने में आता था लेकिन अब एक गांव एक ही थाने में आएगा.
प्रशांत भूषण ने बताया कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि भ्रष्टाचार की तहकीकात अब सीबीआई नहीं करेगी बल्कि इसकी तहकीकात सिर्फ लोकपाल ही करेगा.

सांसदों को लोकपाल के तहत लाने के मुद्दे पर सरकार की ओर से बताया गया कि संविधान की धारा 105 के तहत हर सांसद वोट देते समय स्वतंत्र होगा.

प्रशांत ने कहा धारा 105 में सांसदों को घूस लेने के बाद उसपर कार्रवाई की बात नहीं कही गयी है. जोकि यह प्राविधान भी होना चाहिए. इसपर सरकार की ओर से कहा गया कि सांसदों की पूरी तहकीकात धारा 105 के तहत ही होगी.

किरण बेदी ने कहा आज सबसे खुशी की बात यह है कि सरकार को अन्ना की सेहत की बहुत चिंता है. सरकार खैर अब जाग गई है. अन्ना की यह तपस्या का नतीजा है. और आप लोगों की हाजरी और दृढ़निश्चय.

किरण बेदी ने यह भी बताया कि भ्रष्टाचार की तहकीकात अब सीबीआई नहीं बल्कि सिर्फ लोकपाल ही करेगा.

किरण बेदी ने कहा कि अन्ना समर्थक अब मौखिक आश्वासन से नहीं बल्कि लिखित आश्वासन से ही जाएंगे.
 

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