Thursday 25 August 2011

जनलोकपाल और सभी ड्राफ्टों पर संसद में चर्चा

अन्ना हज़ारे की तीन मुख्य मांगों के साथ जनलोकपाल बिल सहित सभी ड्राफ्टों पर संसद में नियम 184 के तहत आज चर्चा कराई जाएगी.
इससे अन्ना के अनशन के समाप्त होने की संभावना बढ़ गई है.
गुरुवार की दोपहर अन्ना ने ये शर्तें रखी थीं. अन्ना ने कहा कि वे अपनी तीन मुख्य मांगों पर संसद में चर्चा का लिखित आश्वासन चाहते हैं.
रामलीला मैदान में गत 10 दिनों से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने कहा है कि सरकार द्वारा उनकी तीन मांगों को मान लिए जाने के बाद ही वह अपना अनशन तोड़ेंगे.
अन्ना की तीन मांगों में निचले स्तर की नौकरशाही को लोकपाल विधेयक के दायरे में लाना, लोकपाल के अधीन प्रत्येक राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति और सरकारी कार्यालयों में नागरिक चार्टर तैयार कराना शामिल है.
इन मांगों पर देशमुख ने कहा कि सरकार लोकपाल विधेयक के मसौदे को राज्यों को भेजेगी. उन्होंने कहा, "इसे स्वीकार करना राज्यों का अपना निर्णय होगा."
देशमुख ने कहा कि सरकार निचली नौकरशाही को लोकपाल के दायरे में लाने पर राजी हो गई है.
जबकि नागरिक चार्टर पहले से ही विधेयक में मौजूद है.
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को एक भावुक अपील करते हुए अन्ना हजारे से अनशन तोड़ने की अपील की लेकिन गांधीवादी ने उनकी अपील यह कहते हुए ठुकरा दी कि जबतक उनकी तीन प्रमुख मांगे पूरी नहीं हो जातीं तबतक वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे.

गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख के माध्यम से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास संदेश भेजा है कि शुक्रवार को ही संसद में जनलोकपाल विधेयक के उन तीन मुद्दों पर चर्चा कराई जाए जिन पर गतिरोध बना हुआ है.

हजारे ने गुरुवार को अपने अनशन के दसवें दिन रामलीला मैदान में मौजूद समर्थकों से कहा, ‘मैंने विलासराव देशमुख के जरिये प्रधानमंत्री को संदेश भेजा है कि अगर आपको मेरी सेहत की फिक्र है तो आप शुक्रवार को ही संसद में जनलोकपाल के तीन मुख्य मुद्दों पर चर्चा करायें.’उन्होंने कहा कि अगर सरकार कल संसद में चर्चा पर नहीं मानी तो वह अनशन जारी रखेंगे और मरते दम करते रहेंगे.
उधर संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने लोकसभा में सदन के नेता एवं वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से इस बारे में गहन चर्चा की. बंसल ने यह विचार विमर्श अन्ना हजारे द्वारा शुक्रवार को ही संसद में जनलोकपाल विधेयक के उन तीन मुद्दों पर चर्चा कराये जाने की मांग के बाद शुरू की जिन पर विवाद है.
बंसल ने बाद में विधि मंत्री सलमान खुर्शीद से भी बात की. इस बातचीत में पार्टी सांसद संदीप दीक्षित भी मौजूद थे जो अन्ना पक्ष के साथ बातचीत में शामिल रहे हैं.
जिस विकल्प पर विचार किया जा रहा है उसके तहत लोकसभा में यह चर्चा नियम 193 के तहत हो सकती है जिसमें मतदान जरूरी नहीं है. दूसरा विकल्प यह हो सकता है कि है नियम 184 के तहत एक प्रस्ताव लाया जाये जिसमें मतदान का प्रावधान है.


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