रेड बुल के सेबेस्टियन वेटल भारत में पहली बार आयोजित इंडियन ग्रांप्री फॉर्मूला वन रेस के चैंपियन बन गए हैं.
विश्व चैम्पियन रेड बुल टीम के चालक सेबेस्टियन वेटल ने देश में पहली बार बुद्ध इंटरनेशल सर्किट पर आयोजित हुई फॉर्मूला वन (एफ-1) रेस 'इंडियन ग्रां पी' जीत ली.
मैक्लॉरेन टीम के चालक जे बटन दूसरे स्थान पर रहे जबकि फेरारी के एफ अलोंसो तीसरे, स्थान पर रहे.
वहीं रेडबुल के वेबर चौथे, मर्सिडीज जीपी के माइकल शुमाकर पांचवें, मर्सिडीज जीपी के एन रोजबर्ग छठे, मैक लेरैन के हेमिल्टन सातवें, भारत की सहारा फोर्स इंडिया टीम के चालक एड्रियन सुतिल नौंवे स्थान पर रहे वहीं हिस्पेनिया टीम के भारतीय चालक नारायण कार्तिकेयन 17वें स्थान पर रहे.
भारत की फोर्स इंडिया टीम के चालक एड्रियन सुतिल और पॉल डी रेस्टा ने ग्रिड से क्रमश: आठवें और 14वें स्थान से मुख्य रेस की शुरूआत की.
हैमिल्टन ने पांचवें स्थान से शुरूआत की, क्योंकि उन्हें फ्लैग चेतावनी की अनदेखी के कारण ग्रिड पर तीन स्थान का जुर्माना लगा था. फेरारी के फर्नांडो अलोंसो मैक्लॉरेन के जेनसन बटन के बाद चौथे स्थान से रेस शुरू की.
ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर विश्व चैंपियन सेबेस्टियन वेटल ने पोल पोजिशन से शुरुआत की.
रेस में 23 ड्राइवर शामिल थे. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर झंडा दिखाकर रेस खत्म किया.
इस महामुकाबले को देखने के लिए कई फिल्मी सितारे और खिलाड़ी बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में मौजूद थे.
इन लोगों के अलावा भी कई नामी-गिरामी हस्तियां शिरकत की. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अपनी पत्नी अंजलि के साथ पहुंचे थे.
बॉलीवुड सुपर स्टार शाहरुख खान के अलावा प्रियंका गांधी अपने पति के साथ थी.
इससे पूर्व क्वालिफांइग रेस में सेबेस्टियन वेटल ही सबसे आगे रहे. फिर लुइस हेमिल्टन, मार्क वेबर, फर्नांडो अलोंसो और जेनसन बेटन रहे. माइकल शूमाकर 12 वें और एकमात्र भारतीय ड्राइवर नारायण कार्तिकेयन 22 वें नंबर पर आए.
सहारा फोर्स इंडिया के एड्रियन सुतिल आठवें और पॉल डि रेस्टा 13वें नंबर पर आए हैं. एड्रियन सुतिल जर्मन ड्राइवर हैं और फोर्स इंडिया टीम के लिए ड्राइव कर रहे हैं. एड्रियन बचपन में म्यूजिक के शौकीन थे. एड्रियन अपने बचपन के शौक छोड़कर एफ वन ड्राइवर बन गए. एड्रियन सुतिल का जन्म जनवरी, 1983 में जर्मनी के स्टैनबर्ग में हुआ.फॉर्मूला वन में एड्रियन ने 86 रेसों में भाग लिया है.
एफ-1 रेस शुक्रवार को शुरू हुई थी. फॉर्मूला वन रेस में 12 टीमों के 23 प्रतियोगी हिस्सा ले रहे थे.
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