दिल्ली हाई कोर्ट में हुए धमाके की जांच के लिए एनआईए ने बीस सदस्यीय टीम गठित कर दी है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए के प्रमुख एससी सिन्हा ने बताया कि आईपीएस अधिकारी नीतीश कुमार इस टीम की अगुआई करेंगे.
सिन्हा ने बताया कि विस्फोट वाली जगह से उठाए गए नमूनों की रासायनिक जांच कराई गई लेकिन इससे ये तय नहीं हो पाया कि धमाके में किन पदार्थों का इस्तेमाल किया गया था.
एससी सिन्हा के मुताबिक प्रयोगशाला में जांच के बाद ही सही कारणों का पता चल पाएगा.
एनआईए प्रमुख ने हालांकि इतना जरूर कहा कि विस्फोट के पीछे हरकतुल जिहादी का हाथ हो सकता है.
हुजी ने एक ई-मेल भी कई जगहों पर भेजा है जिसकी जांच की जा रही है. मुंबई में हुए हालिया धमाकों में भी हुजी का हाथ सामने आया था.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाई कोर्ट में हुए धमाके के तीन घंटों के भीतर ही जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंपने का फैसला किया था.
ऐसा माना जा रहा है कि जामा मस्जिद में हुए धमाके और उसके बाद इसी साल 25 मई को दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर हुए धमाके की जांच में दिल्ली पुलिस के विफल रहने के बाद तुरंत एनआईए को इसकी जिम्मेदारी देने का फैसला कर लिया गया.
सिन्हा ने बताया कि विस्फोट वाली जगह से उठाए गए नमूनों की रासायनिक जांच कराई गई लेकिन इससे ये तय नहीं हो पाया कि धमाके में किन पदार्थों का इस्तेमाल किया गया था.
एससी सिन्हा के मुताबिक प्रयोगशाला में जांच के बाद ही सही कारणों का पता चल पाएगा.
एनआईए प्रमुख ने हालांकि इतना जरूर कहा कि विस्फोट के पीछे हरकतुल जिहादी का हाथ हो सकता है.
हुजी ने एक ई-मेल भी कई जगहों पर भेजा है जिसकी जांच की जा रही है. मुंबई में हुए हालिया धमाकों में भी हुजी का हाथ सामने आया था.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाई कोर्ट में हुए धमाके के तीन घंटों के भीतर ही जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंपने का फैसला किया था.
ऐसा माना जा रहा है कि जामा मस्जिद में हुए धमाके और उसके बाद इसी साल 25 मई को दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर हुए धमाके की जांच में दिल्ली पुलिस के विफल रहने के बाद तुरंत एनआईए को इसकी जिम्मेदारी देने का फैसला कर लिया गया.
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